माध्यम से रसोइयों को फिल्म दिखाकर प्रशिक्षित किया जाएगा।
बस्ती सरकार परिषदीय विद्यालयों की सूरत बदल रही है। अब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण मध्याहन भोजन (एमडीएम) देने के लिए नए नए कदम उठा रही है। इसके तहत रसोइयों को प्रशिक्षण देने के लिए मध्याहन भोजन प्राधिकरण ने फोसफएमडीएम एप विकसित किया है। जिसके माध्यम से रसोइयों को फिल्म दिखाकर प्रशिक्षित किया जाएगा।
जिले में 2076 परिषदीय 13 कस्तूरबा आवासीय बालिका विद्यालय और 70 सहायता प्राप्त विद्यालयों में लगभग लगभग छह हन्डर रसोइए नियुक्त हैं। बच्चों को बंटने वाले एमडीएम की गुणवत्ता को लेकर शासन लगातार प्रयास कर रहा है कभी रसोइयों का प्रतियोगिता कराके उनको पुरस्कृत करके तो अब पौष्टिक और स्वच्छ भोजन बनाने के लिए फिल्म दिखाकर
प्रशिक्षित किया जाएगा। नवीन पोषण प्रशिक्षण फिल्म दिखाने के बाद स्कूल के
प्रधानाध्यापक रसोइयों के साथ बैठकर प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा करेंगे। इस फिल्म में बताया जाएगा कि सब्जियों को बनाने से पहले किस तरह से धोएं उन्हें कैसे काटें ताकि पोषक तत्व बरकरार रहे। यदि स्कूलों में पोषण वाटिका है तो वहां की सब्जियों का प्रयोग कैसे बेहतर ढंग से किया जाए उन्हें सब्जियों को तोड़ने काटने से लेकर पकाने का बेहतर तौर-तरीका बताया जाएगा।
भोजन बनाते समय स्वच्छता संबंधी कौन सी सावधानियां बरतनी हैं और भोजन पकाने और परोसने से पहले हाथ जरूर साफ करने के लिए जागरूक किया जाएगा। फिल्म की प्राधिकरण एवं मिशन प्रेरणा की वेबसाइट और यू ट्यूब पर अपलोड किया गया है। यह प्रशिक्षण सभी को दिसंबर माह तक पूरा हो जायेगा।
बीएसए डॉ. इंद्रजीत प्रजापति ने सभी प्रधानाध्यापको को निर्देशित दिया है कि रसोइयों को फिल्म दिखाएं। उन्हें दिए गए निर्देश के मुताबिक कार्य करें। सभी बीईओ प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली रसोइयों की संख्या से कार्यालय को अवगत कराएंगे।
0 comments:
Post a Comment