Wednesday 28 December 2022

पुराने विद्यालयों की स्थिति भी ठीक नहीं

  पुराने विद्यालयों की स्थिति भी ठीक नहीं

 लखनऊ। प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में 10 हजार के अधिक रिक्त पदों के सापेक्ष शिक्षकों की मामूली तैनाती शिक्षण व्यवस्था की पोल खोल रही है। सिराथू, महोबा और बांदा के विद्यालयों की स्थिति तो बानगी मात्र है, जबकि पूरे प्रदेश में लगभग यही स्थिति है। हालांकि नए विद्यालयों के लिए इस महीने नियुक्तियां तो हुईं, पर पुराने विद्यालयों की स्थिति भी ठीक नहीं है। ऐसे में यहां पढ़ाई के साथ छात्र संख्या निरंतर गिर रही है। इसको लेकर हाल ही में हाईकोर्ट ने आपत्ति भी जताई थी।

विभागीय अधिकारियों की मानें तो पुरुष व महिला विद्यालयों में प्रवक्ता के 5 हजार से ज्यादा पद रिक्त थे। इनमें करीब 1300 की तैनाती के लिए मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र बांटे हैं। इसी तरह राजकीय हाईस्कूल विद्यालयों में भी 5 हजार से अधिक पद खाली हैं।



राजकीय शिक्षक संघ के महामंत्री रामेश्वर पांडेय के अनुसार, शिक्षकों के दस हजार से अधिक खाली पदों का मामला महानिदेशक स्कूल शिक्षा के सामने रखा गया है। जहां प्रवक्ता नहीं हैं, वहां 12वीं में 10वीं के शिक्षक कुंजी व पुराने प्रश्नपत्रों के सहारे पढ़ा रहे हैं।




सीधी भर्ती के रिक्त 5 हजार से अधिक पदों का अधियाचन आयोग को भेजा गया है। बाकी पदोन्नति से भरने वाले रिक्त पदों के मामले में उच्च न्यायालय में कुछ लोग गए हैं उस प्रक्रिया को भी जल्द कराने की कोशिश है। केके गुप्ता, - अपर शिक्षा निदेशक (राजकीय)

केस 1

कौशांबी के जीजीआईसी सिराथू में स्वीकृत सहायक अध्यापक और प्रवक्ता के 10-10 पदों में 8-8 खाली हैं। कुल चार शिक्षिकाएं हैं। इनमें एक प्रवक्ता इंचार्ज प्रधानाचार्य हैं। शिक्षिकाएं ही कार्यालय का कार्य भी देखती हैं। इसी जिले के राजकीय इंटर कॉलेज मंझनपुर में प्रवक्ता के 11 पदों में से नौ और एलटी के सात में छह पद रिक्त हैं।



केस 2

राजकीय इंटर कॉलेज श्रीनगर महोबा में स्वीकृत सहायक अध्यापक के 12 पदों में से 8 और प्रवक्ता के 10 में से 8 खाली हैं। चरखारी में सहायक अध्यापक के 12 पदों में 7 व प्रवक्ता के 10 में 9 पद रिक्त हैं।

जैदपुर महोबा में एलटी के 12 में पांच और प्रवक्ता के दस में से 9 खाली हैं। महोबा में एलटी के 17 में 12 और प्रवक्ता के 10 में 8 खाली हैं। विद्यालय में कभी 2000 बच्चे थे, पर अब 400 के करीब हैं।

केस 3

बांदा के राजकीय इंटर पैलानी व कालिंजर में एक भी प्रवक्ता नही है। 12वीं की पढ़ाई जैसे तैसे चल रही है। पैलानी में सहायक अध्यापक दो व कालिंजर में पांच हैं जबकि स्वीकृत पद सात-सात हैं। पैलानी में छात्र संख्या 1300 है। ऐसे में यहां कुछ शिक्षक संबद्ध करके पढ़ाई कराई जा रही है।


 

पुराने विद्यालयों की स्थिति भी ठीक नहीं Rating: 4.5 Diposkan Oleh: sony singh

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