जल्द ही कैबिनेट से प्रस्ताव को मंजूरी दिलाने की तैयारीजल्द ही कैबिनेट से प्रस्ताव को मंजूरी दिलाने की तैयारी
स्वीकृत अवकाश की अवधि बीतने के बाद भी राज्य कर्मचारी यदि एक साल से ज्यादा समय तक अनधिकृत तरीके से ड्यूटी से गायब रहे तो यह मान लिया जाएगा कि उन्होंने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया है। एक बार अवकाश स्वीकृत कराकर उसकी आड़ में कर्मचारियों के दफ्तर से लगातार गायब रहने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार आल इंडिया सर्विसेज (लीव) रूल्स की इस व्यवस्था को राज्य कर्मचारियों के लिए भी लागू करने जा रही है। इसके लिए जल्द ही कैबिनेट से प्रस्ताव को मंजूरी दिलाने की तैयारी है।
राज्य कर्मचारी कई बार एक निश्चित अवधि के लिए अवकाश स्वीकृत कराते हैं लेकिन अनुमोदित अवकाश की अवधि बीतने के बाद भी लंबे समय तक कार्यालय से गायब रहते हैं। उनके वरिष्ठ अधिकारी या नियंत्रक प्राधिकारी भी कई बार जानबूझकर उनकी अनुपस्थिति का संज्ञान नहीं लेते हैं। प्रांतीय चिकित्सा संवर्ग के कई चिकित्सक भी इसी तरह ड्यूटी से लंबे समय तक गायब रहते हैं और निजी नर्सिंग होम या असपतालों में सेवाएं देते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कर्मचारियों की ड्यूटी से गायब रहने की इस प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने का निर्देश
दिया है.
आल इंडिया सर्विसेज ( लीव ) रूल्स में यह व्यवस्था है कि यदि कोई कार्मिक स्वीकृत अवकाश की अवधि बीतने के बाद भी अनधिकृत तरीके से एक साल अधिक समय तक कार्यालय में अनुपस्थित रहता है तो यह मान लिया जाता है कि उसने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया है । प्रदेश सरकार इस व्यवस्था को राज्य कर्मचारियों के लिए लागू करने जा रही है। इस प्राविधान को राज्य कर्मचारियों के सेवा संबंधी फंडामेंटल रूल्स में शामिल करने का प्रस्ताव है।
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