एनआईए के विशेष न्यायाधीश अनुरोध कुमार मिश्र ने अगली सुनवाई के लिए 26 व 27 जुलाई की तरीख तय की है।
कानपुर/लखनऊ आतंकी सैफुल्लाह के एनकाउंटर के बाद उसके घर से मिले हथियार से कानपुर के शिक्षक रमेश ब शुक्ला को हत्या किए जाने के मामले में एटीएस के पूर्व आई और मंत्री असम की गवाही पूरी हो गई है। एनआईए के विशेष न्यायाधीश अनुरोध कुमार मिश्र ने अगली सुनवाई के लिए 26 व 27 जुलाई की तरीख तय की है।
गौरतलब है कि रामबाबू शुक्ला की हत्या 24 अक्तूबर 2016 को कर दी गई थी। इसकी उनके पुत्र अक्षय शुक्ला ने कानपुर थाना चकेरी में दर्ज कराई थी। अदालत में अपने यान में अक्षय ने बताया था कि इसमें अज्ञात लोगों ने उनके पिता की हत्या की है। बाद में गवाही के दौरान अक्षय ने बताया कि उन्हें समाचार पत्रों व न्यूज चैनलों से पता चला कि आतंकियों ने गोली मारकर उनके पिता की हत्या कर दी थी। इसके बाद 7 मार्च 2017 की असीम अरुण जब एटीएस के आईजी थे। उस दौरान एटीएस और पुलिस की दबिश में सैफुल्लाह मारा गया था और उसके पर से भारी
मात्रा में हथियार व गोला-बारूद बरामद मिला था। बाद में एनआईए की विवेचना में पता चला कि सैफुल्लाह के पर से जो हथियार मिला था, उसका इस्तेमाल कानपुर के शिक्षक की हत्या समेत अन्य अपराधों में भी हुआ है। नवाबगंज विष्णुपुरी निकासी रमेश बाबू शुक्ला चकेरी के दो गांव में स्थित एक ट्रस्ट के स्कूल में प्रिंसिपल थे 24 अक्तूबर 2016 को जब वह साइकिल से अपने पर वापस लौट रहे थे तो चकेरी इलाके में गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी। पांच महीने बाद जब आईएसआईएस के खुरासान मॉड्यूल का खुलासा हुआ था तब आतंकियों ने इस हत्या को स्वीकारा था संवाद
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