Wednesday 27 July 2022

उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अभी करीब 14 नियामक काम कर रहे

 उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अभी करीब 14 नियामक काम कर रहे

नई दिल्लीः अलग- अलग नियामकों के बीच बिखरी उच्च शिक्षा अब एक नियामक (रेगुलेटर) के दायरे में होगी। शिक्षा मंत्रालय ने लंबे मंथन के बाद भारतीय उच्च शिक्षा आयोग के गठन के प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया है। माना जा रहा है कि इस प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट के सामने रखा जाएगा। कैबिनेट की बैठक बुधवार को भी है। इसकी मंजूरी के बाद इससे जुड़े विधेयक को संसद में पेश किया जाएगा। हालांकि इसके दायरे से कानून और मेडिकल की पढ़ाई को अलग रखा गया है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अभी करीब 14 नियामक काम कर रहे हैं।

उच्च शिक्षा को एक नियामक के दायरे में लाने की यह जरूरत तब महसूस हुई, जब उच्च शिक्षण संस्थानों को स्वायत्तता देने की पहल तेज हुई। इस बीच एक संस्थान में अलग-अलग कोर्सों के लिए अलग-अलग नियामकों के हस्तक्षेप से इस काम में बाधा खड़ी होने लगी थी। इसके बाद इस दिशा में पहल तेज हुई है। बाद में नई राष्ट्रीय

शिक्षा नीति (एनईपी) ने भी इसकी सिफारिश की। इसमें भारतीय उच्च शिक्षा आयोग के गठन की सिफारिश की गई। साथ ही इसके अधीन चार स्वतंत्र संस्थाएं भी गठित करने का प्रस्ताव है, जो नियामक, गुणवत्ता व वित्तीय मदद आदि का काम देखेगी। खास बात यह है कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2020 के बजट भाषण में ही इस आयोग के गठन की घोषणा की है।


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